

Mukhyamantri Apprenticeship Training Scheme
मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना।
आपको यह जानकर बड़ी खुशी होगी कि, उत्तर प्रदेश की सरकार बेरोजगार युवाओं को 9000 रुपए प्रति महीने देने जा रही है। इसके लिए युवाओं को मुख्यमंत्री अप्रेंटशिप प्रोत्साहन योजना में नामांकन कराना होगा।
इसी योजना का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को स्नातक या स्नातकोत्तर होना अनिवार्य है। इस योजना में प्रवेश लेने वाले युवाओं को 9000 स्टाइपेंड दिया जाएगा। एक बेरोजगार के लिए 9000 रुपए स्टाइपेंड मिलना बहुत बड़ी बात है। जो युवाओं को आर्थिक संकट से उभरेगी।
अप्रेंटशिप 10 माह की रहेगी जहां युवा स्किल्ड होंगे और बाजार की मांग की अनुसार उनको काम मिल सकेगा। यह योजना उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांची योजना है।
आपको बता दें कि, जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश हैं। यहां पर सर्वाधिक युवाओं की संख्या भी मिलती है। लेकिन बेरोजगारी की वजह से उत्तर प्रदेश का युवा महाराष्ट्र और गुजरात नोएडा, दिल्ली, दक्षिण, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, ओर रोजगार की तलाश में चला जाता है।
बेरोजगार जवानों के पलायन रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ किसी योजना को लेकर आए हैं। इसकी लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने 100 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान रखा गया है। इस योजना की शुरुआत तो 2020 में शुरू कर दी गई थी। यह योजना अपना साकार रुप ले रही है। उसका विस्तार किया जा रहा है। इसकी लिए बजट भी बढ़ाया जा रहा है। ताकि देश का युवा स्किल्ड को सके और अपना स्वयं का कोई व्यवसाय लगा सके। साथ में उसे 15,000 से लेकर 50000 रुपए तक की कोई नौकरी किसी संस्थान मिल सके.
यह योजना केंद्र सरकार की नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS)और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) से प्रभावित होकर शुरू की गई है. उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि, यह योजना युवाओं को 'फ्यूचर-रेडी' बनाएगी, जहां वे तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त करेंगे। अब तक प्रावधानों के अनुसार इस योजना का लाभ उठा कर 83,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जो विभिन्न संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। अगला लक्ष्य 2025 में एक लाख युवाओं को लेकर बजट पारित किया गया है।
पात्रता मानदंड:
यह योजना मुख्य रूप से युवा स्नातकों के लिए है, लेकिन डिप्लोमा धारकों को भी शामिल किया गया है।
शैक्षिक योग्यता, स्नातक डिग्री (जैसे BA, BSc, BCom) धारक या डिप्लोमा धारक। प्राथमिकता व्यावसायिक पाठ्यक्रमों (प्रोफेशनल कोर्स) के छात्रों को दी जाती है, लेकिन गैर-तकनीकी कोर्स (नॉन-टेक्निकल) के छात्र भी लाभान्वित हो सकते हैं।
आयु सीमा 18 से 35 वर्ष के बीच। कुछ मामलों में, अप्रेंटिसशिप अनिवार्य होने पर 40 वर्ष तक की छूट।
निवास, इस योजना का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। योजना में महिलाओं, SC/ST/OBC वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है।
यदि कोई युवा पहले से किसी अन्य अप्रेंटिसशिप में भाग ले चुका है, तो उसे दोबारा लाभ नहीं मिलेगा,
लाभ और स्टाइपेंड संरचना
योजना का सबसे आकर्षक हिस्सा 9000 रुपए स्टाइपेंड है। जो स्नातकों को प्रतिमाह दिया जाता है।
यह राशि अप्रेंटिसशिप की अवधि 6 से 12 महीने तक दी जाती है। अर्थात 10 महीने की ट्रेनिंग पर कुल 90,000 रुपये दिए जाते हैं।
इस योजना में 9000 रुपए में,केंद्र सरकार के 4,500 रुपये + उद्योग/नियोक्ता 3,500 रुपये +1,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रतिपूर्ति की जाती है। व्यवहारिक प्रशिक्षण स्थानी उद्योगों से दिया जा सकता है। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद 70 प्रतिशत से अधिक युवाओं को नौकरी मिलती है। वह अपना स्वरोजगार भी स्थापित कर सकते हैं। स्वरोजगार स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। जहां से युवा लोन लेकर अपना व्यवसाय स्थापित कर सकता है।
यदि आपके पास NCVT/ITI मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट, है तो यह आपके रिज्यूमे को मजबूत बनाता है। आपका चयन आसानी से हो जाता है।
अन्य सुविधाएं, यात्रा भत्ता, स्वास्थ्य बीमा (ESIC कवरेज), और कौशल विकास कार्यशालाएं।
योजना उच्च शिक्षा विभाग, श्रम विभाग और उद्योग विभाग के संयुक्तरूप से मिलकर चलाएंगे।
आवेदन:
आवेदन ऑनलाइन करना होगा सबसे पहले रजिस्ट्रेशन जो NATS पोर्टल nats.education.gov.in या CMAPS पोर्टल cmapsup.in पर करना होगा।
जहां निवास का प्रमाण पत्र, डिग्री सर्टिफिकेट, अपलोड करने होंगे।
चयन:
मेरिट आधार पर किया जाएगा जहां स्नातक के अंक ,ITI के अंक,इंटरव्यू भी लिया जा सकता है। चयन के बाद उद्योग असाइनमेंट, ट्रेनिंग शुरू होगी, सुपरविजन के आधार पर मासिक रिपोर्टिंग तैयार की जाएगी। और स्टाइपेंड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से किया जाएगा। नए रजिस्ट्रेशन 2025 में सितंबर से शुरू हो चुके हैं। यदि किसी प्रकार की समस्या आती है तो हेल्पलाइन: 1800-180-0123 पर संपर्क किया जा सकता है।